मैं अपने जन्मदिन पर खुद को तोहफा देने आया हूं
यह एक छोटा सा थैला जिसके अंदर हैं कई चीज़े,
किताबें, कापियां , ख़त , और कुछ सिगरेट के डब्बे हैं
पुरानी डायरी, टूटा कलम, दो एक सूखे फूल
बहुत पहले की एक तस्वीर है और कुछ रिसाले हैं
मुझे इस बार जलती मोमबत्ती भी बुझानी है
मुझे यह चॉकलेटी केक खुद को भी खिलाना है
फिर उसके बाद करनी है मुझे खुद से कई बातें
ज़माने बाद, खुद को अपने सीने से लगाना है
मुझे आँखों में खुद की झाँक कर एक बार हंसना है
दिखाना है फिर उसके बाद अपने पाँव के छाले
इसी उम्मीद में की वक्त बदलेगा कभी अपना
हजारों ख्वाब सीने में ही अपने रह गया पाले
किसी को दुख दिया मैंने न शिकवा और शिकायत की
मेरा शेवा मोहब्बत था सो हर एक से मोहब्बत की
मगर मेरी वफा को आजतक समझा नहीं कोई
मुझे क्या चाहिए औरों से ये जाना नहीं कोई
मैं खुद से पूछता हूं किस लिए दुनिया में आया हूं
मुझे खुद भी नहीं मालूम है मैं किसका साया हूँ
यह मैं, मैं ही नहीं हूं, मेरे अन्दर मेरे अपने हैं
न जाने कितनी उम्मीदें, न जाने कितने सपने हैं
अंधेरा छा रहा है इससे पहले कि मैं सो जाऊँ
बहुत दिन रह लिया औरों का अब खुद का भी हो जाऊँ
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