گاندھی جی سپنے میں آئے، بولے "میری جان"
مجھ کو دکھا دو آج ذرا تم "میرا ہندوستان"
میں نے کہا کہ جس کی خاطر آپ ہوئے قربان
اب بس سپنوں میں بستا ہے اپنا ہندوستان
میں نے کہا مظلوموں کو ہی آج سزا دی جاتی ہے
راتوں رات یہاں "سنی" اسٹار بنا دی جاتی ہے
بکتے ہیں جذبات یہاں اب بکتی ہے مسکان
اب بس سپنوں میں میں بستا ہے اپنا ہندوستان
رشی منی اب چھوڑ کے جنگل چوک پہ ڈیرا ڈالے ہیں
اور ان کو بن باس ملا ہے دیس کے جو رکھوالے ہیں
گونجا کرتی نائٹ کلب میں اب "مرلی کی تان"
اب بس سپنوں میں بستا ہے اپنا ہندوستان
فی گھنٹہ بس پانچ روپے انسان یہاں مل جاتا ہے
آج مرا کل اور کسی کا جو حامی کہلاتا ہے
آج سیاست دینے لگی ہے مذہب کو فرمان
اب بس سپنوں میں ملتا ہے اپنا ہندوستان
باپ کی شفقت، ماں کی ممتا اب پیسے پہ بکتی ہے
عزت، شہرت اور محبت سب دولت سے ملتی ہے
بازاروں میں بکنے لگے ہیں آج یہاں انسان
اب بس سپنوں میں ملتا ہے اپنا ہندوستان
میں نے کہا کہ کل تک تھے جو آپس میں بھائی بھائی
آج بنے ہیں دشمن ہندو مسلم سکھ اور عیسائی
بیٹھے ہیں مندر مسجد میں اب خونی شیطان
اب بس سپنوں میں بستا ہے اپنا ہندوستان
اسٹیشن پر غالب بیچا کرتے ہیں اخبار
کچی سڑک پہ میر کا ہے چھوٹا سا کاروبار
نتھو خیرے آج بنے ہیں ہر محفل کی شان
اب بس سپنوں میں بستا ہے اپنا ہندوستان
بس نوٹوں پر ہی باقی ہے باپو تیرا نام
میں نے کہا رو کر ان سے وہ بول اٹھے "ہے رام"
ٹوٹ گئ جب نیند تو ساری دنیا تھی ویران
اب بس سپنوں میں بستا ہے اپنا ہندوستان
ایم آر چشتی
*अब बस सपनों में बसता है ऐसा हिन्दुस्तान*
गांधीजी सपने में आए, बोले "मेरी जान"
मुझे दिखाओ आज जरा तुम "मेरा हिन्दूस्तान "
मैंने कहा कि जिसकी खातिर आप हुए कुर्बान
अब बस सपनों में बसता है अपना हिन्दुस्तान
मैंने कहा मज़लूमों को ही आज सजा दी जाती है
रातों रात यहाँ "सनी" स्टार बना दी जाती है
बिकते हैं जज़्बात यहाँ अब बिकती है मुस्कान
ऋषि मिनी अब छोड़ के जंगल चौक पे डेरा डाले हैं
और उन्हें वनवास मिला है देश जो रखवाले हैं
गुंजा करती नाइट क्लब में अब "मुरली की तान"
फी घंटा बस पाँच रुपये इंसान यहाँ मिल जाता है
आज मेरा कल और किसी का जो हामी कहलाता है
आज सेयासत देने लगी है मज़्हब को फरमान
बाप की शफ़कत, माँ की ममता अब पैसों पे बिकती है
इज़्ज़त , शोहरत और मुहब्बत सब दौलत से मिलती है
बाजारों में बिकने लगे हैं आज यहाँ इंसान
मैंने कहा कि कल तक थे जो आपस में भाई-भाई
आज बने हैं दुश्मन हिंदू मुस्लिम सिख और ईसाई
बैठे हैं मंदिर मस्जिद में अब खूनी शैतान
स्टेशन पर "ग़ालिब" बेचा करते हैं अखबार
कच्ची सड़क पे "मीर" का है छोटा सा कारोबार
"नत्थू खैरे" आज बने हैं हर महफ़िल की शान
बस नोटों पर ही बाकी है बापू तेरा नाम
मैंने कहा-रोकर उनसे वे बोल उठे "है राम"
टूट गई जब नींद तो सारी दुनिया थी वीरान
अब बस सपनों में बसता है अपना हिन्दुस्तान
🌹🌹एम आर चिश्ती 🌹🌹
مجھ کو دکھا دو آج ذرا تم "میرا ہندوستان"
میں نے کہا کہ جس کی خاطر آپ ہوئے قربان
اب بس سپنوں میں بستا ہے اپنا ہندوستان
میں نے کہا مظلوموں کو ہی آج سزا دی جاتی ہے
راتوں رات یہاں "سنی" اسٹار بنا دی جاتی ہے
بکتے ہیں جذبات یہاں اب بکتی ہے مسکان
اب بس سپنوں میں میں بستا ہے اپنا ہندوستان
رشی منی اب چھوڑ کے جنگل چوک پہ ڈیرا ڈالے ہیں
اور ان کو بن باس ملا ہے دیس کے جو رکھوالے ہیں
گونجا کرتی نائٹ کلب میں اب "مرلی کی تان"
اب بس سپنوں میں بستا ہے اپنا ہندوستان
فی گھنٹہ بس پانچ روپے انسان یہاں مل جاتا ہے
آج مرا کل اور کسی کا جو حامی کہلاتا ہے
آج سیاست دینے لگی ہے مذہب کو فرمان
اب بس سپنوں میں ملتا ہے اپنا ہندوستان
باپ کی شفقت، ماں کی ممتا اب پیسے پہ بکتی ہے
عزت، شہرت اور محبت سب دولت سے ملتی ہے
بازاروں میں بکنے لگے ہیں آج یہاں انسان
اب بس سپنوں میں ملتا ہے اپنا ہندوستان
میں نے کہا کہ کل تک تھے جو آپس میں بھائی بھائی
آج بنے ہیں دشمن ہندو مسلم سکھ اور عیسائی
بیٹھے ہیں مندر مسجد میں اب خونی شیطان
اب بس سپنوں میں بستا ہے اپنا ہندوستان
اسٹیشن پر غالب بیچا کرتے ہیں اخبار
کچی سڑک پہ میر کا ہے چھوٹا سا کاروبار
نتھو خیرے آج بنے ہیں ہر محفل کی شان
اب بس سپنوں میں بستا ہے اپنا ہندوستان
بس نوٹوں پر ہی باقی ہے باپو تیرا نام
میں نے کہا رو کر ان سے وہ بول اٹھے "ہے رام"
ٹوٹ گئ جب نیند تو ساری دنیا تھی ویران
اب بس سپنوں میں بستا ہے اپنا ہندوستان
ایم آر چشتی
*अब बस सपनों में बसता है ऐसा हिन्दुस्तान*
गांधीजी सपने में आए, बोले "मेरी जान"
मुझे दिखाओ आज जरा तुम "मेरा हिन्दूस्तान "
मैंने कहा कि जिसकी खातिर आप हुए कुर्बान
अब बस सपनों में बसता है अपना हिन्दुस्तान
मैंने कहा मज़लूमों को ही आज सजा दी जाती है
रातों रात यहाँ "सनी" स्टार बना दी जाती है
बिकते हैं जज़्बात यहाँ अब बिकती है मुस्कान
ऋषि मिनी अब छोड़ के जंगल चौक पे डेरा डाले हैं
और उन्हें वनवास मिला है देश जो रखवाले हैं
गुंजा करती नाइट क्लब में अब "मुरली की तान"
फी घंटा बस पाँच रुपये इंसान यहाँ मिल जाता है
आज मेरा कल और किसी का जो हामी कहलाता है
आज सेयासत देने लगी है मज़्हब को फरमान
बाप की शफ़कत, माँ की ममता अब पैसों पे बिकती है
इज़्ज़त , शोहरत और मुहब्बत सब दौलत से मिलती है
बाजारों में बिकने लगे हैं आज यहाँ इंसान
मैंने कहा कि कल तक थे जो आपस में भाई-भाई
आज बने हैं दुश्मन हिंदू मुस्लिम सिख और ईसाई
बैठे हैं मंदिर मस्जिद में अब खूनी शैतान
स्टेशन पर "ग़ालिब" बेचा करते हैं अखबार
कच्ची सड़क पे "मीर" का है छोटा सा कारोबार
"नत्थू खैरे" आज बने हैं हर महफ़िल की शान
बस नोटों पर ही बाकी है बापू तेरा नाम
मैंने कहा-रोकर उनसे वे बोल उठे "है राम"
टूट गई जब नींद तो सारी दुनिया थी वीरान
अब बस सपनों में बसता है अपना हिन्दुस्तान
🌹🌹एम आर चिश्ती 🌹🌹
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