Wednesday, 25 March 2020

🌻🌻🌻🌻غزل 🌻🌻🌻🌻

ہے آج تجھے روکنا بیکار، چلا جا
جانا ہی اگر ہے تو میرے یار چلا جا

تجھ میں بھی کشش اب کوئی باقی نہ رہی اب
لگتی ہے ہر اک شے مجھے بیکار چلا جا

اک درد ہے جو چین سے جینے نہیں دیتا
آنسو بھی چھلکنے کو ہیں تیار چلا جا

ہم دونوں کبھی ساتھ میں رہتے تھے مگر اب
آنگن میں کھڑی ہو گئی دیوار چلا جا

آنکھوں کو نہیں بھاتی تری چاند سی صورت
کہتا ہے یہ تجھ سے دل بیمار چلا جا

اب چوٹ سی لگتی ہے پرندوں کی صدا سے
گلشن کے سبھی گل بنے تلوار چلا جا

جانا ہی اگر ہے تو میں الزام نہ دوں گا
لو مان لیا میں ہوں خطاوار چلا جا

🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🐼

🌹🌹🌹ग़ज़ल 🌹🌹🌹

है आज तुझे रोकना बेकार, चला जा
जाना ही अगर है तो मेरे यार चला जा

तुझ में भी कशिश अब कोई बाकी न रही अब
लगती है हर इक शैय मुझे बेकार चला जा

इक दर्द है जो चैन से जीने नहीं देता
आंसू भी छलकने को हैं तैयार चला जा

हम दोनों कभी साथ में रहते थे मगर अब
आंगन में खड़ी हो गई दीवार चला जा

आँखों को नहीं भाती तेरी चाँद सी सूरत
कहता है यह तुझसे दिले बीमार चला जा

अब चोट सी लगती है परिंदों की सदा से
गुलशन के सभी गुल बने तलवार चला जा

जाना ही अगर है तो मैं इल्जाम न दूंगा
लो मान लिया मैं हूँ  ख़तावार चला जा

🌹🌹एम आर चिश्ती 🌹🌹

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