🌹🌹🌹ग़ज़ल 🌹🌹🌹
आज नहीं लिख पाया तो कल लिखुंगा
अबके खत में उसको पागल लिखुंगा
देखो! मैं सच्चा हूँ सच ही लिखता हूँ
जो घायल हैं अनको घायल लिखुंगा
आँसू लिख कर अपने कलम को तोड़ दिया
अब तेरे काजल से काजल लिखुंगा
खाली क्युं रहने दुंगा दिल के सफ़हात
नाम तेरा हर लम्हा हर पल लिखुंगा
मेरी एक उम्मीद अगर पूरी हो जाए
मैं सेहरा की रेत को बादल लिखुंगा
आज नहीं लिख पाया तो कल लिखुंगा
अबके खत में उसको पागल लिखुंगा
देखो! मैं सच्चा हूँ सच ही लिखता हूँ
जो घायल हैं अनको घायल लिखुंगा
आँसू लिख कर अपने कलम को तोड़ दिया
अब तेरे काजल से काजल लिखुंगा
खाली क्युं रहने दुंगा दिल के सफ़हात
नाम तेरा हर लम्हा हर पल लिखुंगा
मेरी एक उम्मीद अगर पूरी हो जाए
मैं सेहरा की रेत को बादल लिखुंगा
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